**रक्षा बंधन पर सिंहावलोकनी दोहा मुक्तक **
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राखी तो है प्यार का ,,,अद्भुत सा विश्वास ;
वास-सुवासित प्रेम से ,रिश्तों में मधुमास ।
मास प्यार के बंध का ,,,,करे प्रेम बरसात ;
सात समन्दर पार भी ,भाई-मन में आस ।।
*****सुरेशपाल वर्मा जसाला (दिल्ली)
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