सोमवार, 11 मई 2015

*वो कवि कवि नहीं *

 ******वो कवि कवि नहीं ******
वो कवि कवि नहीं ,,जिसकी कलम में धार नहीं ;
वो कवि कवि नहीं ,करता जो बुराई पर वार नहीं ;
है यदि तरकस  में उसके,शब्द भेदी बाण भण्डार ;
तो उसके आगे,,,,,, टिके कोई तीर तलवार नहीं ।-------------[१]
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वो कवि कवि नहीं ,,,,,,,,,जिसकी कलम में धार नहीं ;
वो कवि कवि नहीं ,,,, जिसका वीरों से सरोकार नहीं ;
है यदि  उसके पास ,वीरों को सजदा करने वाले शब्द ;
तो उससे बढ़कर ,,,,,,,,,,,,वीरो का कोई सत्कार नहीं ।---------[२]
*******सुरेशपाल वर्मा 'जसाला'

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